भारत जल संरक्षण और सेव वाटर अभियान के लिए Janshakti4jalshakti. के साथ आगे बढ़ रहा है. स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया मिशन’ को पीएम मोदी के पिछले कार्यकाल में बड़ी सफलता मिली और अगले 5 वर्ष जल अनुसंधान और विकास उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं.. स्वच्छ भारत अभियान के बाद ’जनशक्ति 4 जलशक्ति' अगला देशव्यापी अभियान होगा.. यह राष्ट्रव्यापी अभियान स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए अवसरों का प्रवेशद्वार हो सकता है. उद्यमिता इनोवेटिव मानसिकता की मांग करती है जो चुनौतियों के साथ बाधाओं को देख सकती है और समाधान प्रदान कर सकती है. डीडी नेशनल के एक टीवी कार्यक्रम के दौरान मुझे एक अद्भुत स्टार्टअप H2O मंत्र पर चर्चा करने का और उसके संस्थापक डॉ. शैलेश खरक वाल से मिलने का मौका मिला.. उनकी जर्नी ने मुझे इस ब्लॉग को लिखने के लिए प्रेरित किया जो कई महत्वाकांक्षी स्टार्टअप्स के लिए भी मददगार हो सकता है.
स्टार्टअप इंडिया युवाओं के लिए केवल संभावनाएं तलाशने के लिए नहीं बल्कि अवसर पैदा करने के लिए प्रतिभाओं का योगदान सुनिश्चित करेगा.. जल वैज्ञानिक डॉ. शैलेश एक भारतीय, युवा और प्रतिभाशाली उद्यमी हैं जो सिंगापुर विश्वविद्यालय के साथ काम कर रहे हैं.. उनका स्टार्टअप "H2O मंत्रा", 'जल का बल' की टैगलाइन के साथ उसी जलशक्ति मिशन पर काम कर रहा है. उन्होंने जीईएम के साथ एक उद्यमी के रूप में एक अच्छा काम किया है और इस प्रकार वे बहुत से नए स्टार्टअप के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं या आप उन्हें स्टार्टअप इंडिया/गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस का ब्रांड एम्बेसडर भी कह सकते हैं.
मार्क जुकरबर्ग, बिल गेट और स्टीव जॉब युवा उद्यमियों के लिए निश्चित रूप से प्रेरणा के स्त्रोत हैं लेकिन ऐसे बहुत से भारतीय उद्यमी भी हैं, जिन्होनें विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को स्थापित किया है. वे भारतीय उद्यमी, जो भारत में व्यवसाय करने में आने वाली चुनौतियों और बाधाओं से परिचित हैं, भारतीय युवाओं के लिए सच्चे पथ प्रदर्शक साबित होंगे.
स्टार्टअप इंडिया द्वारा प्रोत्साहन प्राप्त 'रिवर्स प्रतिभा पलायन'
डॉ. शैलेश की जर्नी भारत के टनकपुर से शुरू होकर सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय तक जाती है.. उन्होंने सिंगापुर को नई पद्धतियां दी और उन्हीं पद्धतियों को भारत में जलशक्ति मिशन के तहत जल संरक्षण और उपचार के क्षेत्र में भी लागू कर रहे हैं.. वे भारत में व्यावहारिक शिक्षा, व्यावसायिक चुनौतियों और सरकार की नीतियों की कमियों से अवगत हैं.. यही कारण है कि उनका केस स्टडी आसानी से भारतीय परिप्रेक्ष्य में स्टार्ट-अप और इनोवेशन को प्रभावी ढंग से समझाता है.
डॉ. शैलेश के अनुसार, “स्टार्ट-अप इंडिया ने उन युवा उद्यमियों को एक बड़ा अवसर दिया, जिन्हें बड़े बिजनेस हाउसों के बीच अपना व्यवसाय शुरू करने में संकोच था.. वास्तव में, सरल विचारधारा यह थी कि एक अच्छे फाइनेंस के साथ बिज़नेस शुरू किया जा सकता है." डॉ. शैलेश ने आगे कहा है कि स्टार्टअप के लिए जाने से पहले पांच प्रमुख चीजें ध्यान में रखी जानी चाहिए.
- स्पष्ट उद्देश्य
- ग्राउंड वर्क और एक स्पष्ट रोड मैप बनाएं
- शुरुआत में स्टार्ट-अप टीम छोटी और कुशल होनी चाहिए
- आकस्मिक झटकों के लिए तैयार रहें
- आवश्यकता के अनुसार इनोवेशन को अपग्रेड करें
H2O मंत्रा का उद्देश्य
डॉ. शैलेष के अनुसार, "स्टार्टअप इंडिया, गवर्नमेंट ई मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई महत्वकांक्षी योजनाएं हैं. ये योजनाएं न केवल रोजगार के अवसर पैदा करती हैं, बल्कि सामाजिक उद्यमिता में युवाओं के योगदान को भी बढ़ाती है. स्टार्टअप की स्थापना केवल आर्थिक नीतियों के लिए ही नहीं होनी चाहिए; इसे सामाजिक उद्यमिता पर भी ध्यान देना चाहिए.”
डॉ. शैलेश, आईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र रहे हैं और बाद में उन्होंने सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया.. वह दुनिया भर में कई जल परियोजनाओं के सलाहकार हैं और सिंगापुर सरकार के साथ मिलकर कई जल परियोजनाओं के लिए काम कर रहे हैं.. डॉ. शैलेश का मानना है कि किसी भी स्टार्ट-अप को शुरू करने का निर्णय लेने से पहले आपके उद्देश्य और विचार स्पष्ट होने चाहिए और जब यह स्टार्ट-अप देशहित में हो तो निश्चित रूप से इसका एक उज्ज्वल भविष्य होगा.. एक बार उद्यमी विचारों को लेकर स्पष्ट हो जाए फिर उद्देश्य संबंधी चुनौतियों को हल किया जा सकता है.. किसी उद्यमी का इन चुनौतियों से सामना हो सकता है:
डॉ. शैलेश सिंगापुर की विशेषज्ञता और तकनीक से लैस हैं जो भारतीय जल संबंधी स्टार्टअप्स के पास उपलब्ध नहीं हैं.. एक वैज्ञानिक होने के नाते डॉ. शैलेश चुनौतियों से सामना करने के लिए नई तकनीक पेश कर सकते हैं.. इन कारकों ने उन्हें विशेष रूप से सरकारी क्षेत्रों में ग्राहकों का विश्वास कमाने में मदद की. स्पष्ट है कि काम पाना उनके लिए बड़ा काम नहीं है.
इस बात को समझने की जरूरत है कि अगर उद्देश्य स्पष्ट है तो पैसा अपने आप आ जाता है.. जब समान विचार वाले लोग एक साथ आ जाएं तो उद्देश्य बड़ा हो जाएगा.
बड़े पैमाने की सरकारी परियोजनाओं के लिए फंडिंग अनिवार्य है.. निवेशक तभी पैसे का निवेश करेंगे जब वे स्टार्टअप के उद्देश्यों में भविष्य की संभावनाएं देखेंगे.. डॉ. शैलेष के निवेशकों का मानना है कि उनकी पॉलिसीज से लंबी अवधि में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. यही कारण है कि स्टार्टअप इंडिया और जीईएम डॉ. शैलेश के स्टार्टअप अपडेट ट्विटर और फेसबुक पर शेयर करते हैं. मीडिया भी भारत में जल परियोजनाओं के लिए डॉ. शैलेष के सुझावों पर विचार कर रही है. इस तरीके से उद्यमी के काम को बिना किसी निवेश के प्रचार और मान्यता प्राप्त होती है.
ग्राउंड वर्क और एक स्पष्ट रोड मैप बनाएं
स्टार्टअप इंडिया को घोषणा के तुरंत बाद H2O मंत्रा अस्तित्व में आ गया था. डॉ. शैलेश ने स्टार्टअप इंडिया और भारत में संभावित व्यावसायिक जटिलताओं के बारे में जानकारी एकत्र की है.. डॉ. शैलेश और प्रो. हाउ यों ग (निदेशक, एनयूएस पर्यावरण अनुसंधान संस्थान, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर) ने भारतीय स्टार्ट-अप व्यवसाय में चुनौतियों को दूर करने के लिए एक स्पष्ट रोड मैप तैयार किया.
भारतीय और सिंगापुर स्टार्ट-अप कल्चर के बीच बहुत बड़ा अंतर है.. सिंगापुर स्टार्ट-अप और इनोवेशन के लिए जाना जाने वाला देश है.. यहां तक कि सिंगापुर ने भी इनोवेशन इंडेक्स में सुपरपावर अमेरिका को पछाड़ दिया.. जब सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने भारत में स्टार्ट-अप इनोवेशन के साथ काम करने का फैसला किया, तो उनका कई व्यावसायिक जटिलताओं से सामना हुआ और उन्होंने भारतीय विशेषज्ञों की मदद ली.
डॉ. शैलेश के पास हमेशा रिसर्च करने की सबसे बड़ी ताकत है.. उन्होंने कंपनी शुरू करने से पहले बचाव के रास्तों और सुविधाओं पर शोध और अध्ययन किया.. इस अनुसंधान के बाद डॉ. शैलेश ने गवर्नमेंट ई मार्केटिंग प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण किया और GeM ने H2O मंत्र के लिए नए द्वार खोले.
ग्राउंडवर्क की कमी के कारण कई स्टार्ट-अप डूबते हैं.. सपने देखना और प्रेरणादायक कहानियां ही कंपनी शुरू करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.. प्रोडक्ट इनोवेशन या किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता ही पर्याप्त नहीं है.. किसी भी स्टार्टअप को व्यवसाय के हर पहलू के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है. इसे आगे के सभी रोड मैप की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए. विशेषज्ञ की सलाह लेने में संकोच न करें. डॉ. शैलेष खरकवाल की केस स्टडी बताती है कि पढ़ना, शोध करना और व्यवसाय को समझना, किसी भी डिग्री या कोर्स करने से बेहतर होता है.
आकांक्षी उद्यमियों के लिए उनकी सलाह:
- मार्केटिंग, ब्रांडिंग, वैधता, सरकारी नीतियों आदि के सभी पहलुओं के बारे में जानना महत्वपूर्ण है.
- शुरुआती टीम छोटी और कुशल होनी चाहिए.. पहले दिन से ही बॉस बनने के बजाय अपने स्टार्ट अप के लिए एक समर्पित कर्मचारी बनें
- सिर्फ एक ही इनोवेशन पर भरोसा न करें.. अपने आप को लगातार अपडेट करें.. नए विचारों को पुराने विचारों का स्थान लेने दें
- निराशा और आकस्मिक झटके प्रक्रिया का हिस्सा हैं.. ऐसी स्थिति को संभालने के लिए तैयार रहें